बेटियों पर कविताएं, Poem on daughters in hindi, beti par kavita | Hindi poem on daughters


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 फ़ूलों की तरह खिलती, 

तितलियों की तरह उड़ती 

चारो ओर खुशबु बिखेरती,

 मेरी प्यारी बेटी महकती 



बहनों  हर कोई किसी न किसी रूप में बेटी जरूर है, चाहे वो माँ हो, बहु हो या फिर बेटी हो अगर आप betiyo ki kavita को पढ़ना चाहते है तो मेरे माध्यम से जरूर पढ़े क्यूंकि आज educated society होने के बावजूद भी बेटियों पर कई अत्याचार किये जाते हैं, क्यूंकि समाज मे आज भी कुप्रथाऐ हैं बहनो हमने हर एक बेटी का ध्यान रखना हैं हर एक को संवारना है उनकी जिन्दगी हमने सुरक्षित रखनी है

आओ बहनो और भाइयों नीचे कुछ कविताए मैंने देश की बेटियो के लिये समर्पित की हैं . एक बेटी के लिये, beti ki kavita को एक बार अवश्य पढें - 


1. Poem on daughters - बेटियाँ है प्यारी, betiya hai pyari


 बेटियाँ है प्यारी और सबकी दुलारी

इसको तुम कोख मैं दफन नहीं कीजिए

उसकी मुस्कान से महकता है घर आँगन

उसकी मुस्कान को तुम यू ही नही छीनीये

बेटियाँ है प्यारी....................... 

उसके चरण धुलाकर पूजा तुम करते हो

उस देवी का अपमान तुम यू ही नही कीजिए

बेटियाँ है प्यारी................... 

बेटियों ने तुम्हें ये दुनिया दिखाई है

उनकी दुनिया को तुम यू ही नही छीनिये

बेटियाँ है प्यारी.................... 

बेटी को बचाओ तो तुम खुद को बचाओगे

सूने आँगन को तुम आबाद कर पाओगे

बेटियाँ है प्यारी........................



2. Poem on daughters - बेटियों का सम्मान, betiyo ka samman


बेटी को देखकर तुम आज इतने व्यथित क्यों हो

 उसके जन्म पर तुम इतने चकित क्यों हो 

बेटे का तो हर पल इंतज़ार करते हो

आ जाए बेटी तो उसे शर्मसार करते हो

अपने ही घर से बेटी को कम ही आंका जाता है

फिर समाज भी उस पर बुरी नज़रें गडाता है

कहते तो है बेटा बेटी एक समान हैं

पर चिराग का नाम बेटे को ही जाता है     

बेटी तो हमारे दो घरों को चिराग देती है 

अपना सर्वस्व लुटाकर भी उन्हें प्रकाश देती है 

घर को अन्धकार से दूर रखना चाहते हो तो 

बेटी को बचाकर उसका जीवन प्रकाशमय कर दो


3. Poem on daughters - छोटी सी बचत, choti si bachat 


एक औरत कमाना जानती हो या नही 

पर बचाना बहुत अच्छी तरह जानती है

अपने कई खर्चों में कटौती करती है तो

कभी एक रुपये के लिए सब्जी वाले से लड़ लेती है

वह अनपढ़ जरूर है फिर भी परिवार चलाती है

घर का पूरा हिसाब मुँह जुबानी लगाती है

उसका एक एक रुपये बचाना

किसी कमाई से कम नहीं है

संकट आने पर वही औरत

हर संकट हर लेती है

अपने बचाए एक एक रुपये से

वो अपनों की अनमोल ज़िंदगी बचा लेती है

वह अनपढ़ जरूर है पर

घर का पूरा हिसाब लगा लेती है 


Poem on Women empowerment

छोटी सी बचत 


4. Poem on daughters - मेरी प्यारी नन्ही सी परी, meri pyari nanhi si pari 


मेरी नन्ही सी परी 

जो हर पल मेरे साथ खड़ी 

मुझे खूब वो जानती

अच्छी तरह पहचानती थी 

पर मेने क्यो अपराध किया 

खुद से उसे क्यो दूर किया 

हक था उसे पास आने का 

क्यो हक छीना उसका 

आज बहुत पछताती हूँ 

आज उसे में चाहती हूँ 

वही तो मेरे साथ थी खड़ी 

मेरी प्यारी नन्ही सी परी 


5. Hindi poem on daughter - घर  की लक्ष्मी, ghar ki laxmi 



घर का हर कोना मेहकता है, 

उसका जब आगमन होता है,

 चारों ओर खुशहाली छाती है 

जब वो मेरे घर आती है

हर दीप जल जाता है 

हर कोना प्रकाशित हो जाता है 

मानो आज दीपावली आई है 

लक्ष्मी मेरे घर आई है

बहुत खुश हूँ मैं लक्ष्मी पाकर 

कई सालों बाद सपना हुआ साकार

आज मिठाई मैं बाटूंगी 

सदा उसका मैं ध्यान रखूंगी

उसने मुझे माँ होने का एहसास दिलाया 

उसने मुझे सम्पूर्ण बनाया


6. Poem on daughter in hindi -  में 
बेटी हूँ, Mai beti hun



मेरे घर पर आज जिन्दगी ने दस्तक दी 

जिस राह पर में उदास थी खड़ी ।

 आज उसने मेरा हाथ पकड़कर

 ऐहसास दिलाया आगे बढ़कर 

मैं हूँ बेटी तेरी सदा रहूंगी साथ तेरे 

चाहे कहीं भी रहूँ 

सदा रहूंगी साथ तेरे 

कभी नही कमजोर पड़ना, 

अपना ध्यान ज़रूर रखना

 मैं ख्याल रखूँगी तेरा, 

तू भी मेरा ख्याल रखना

 एक दूजे का जो साथ देंगे

 सदा हम, मजबूत रहेंगे

कभी न मारना कोख में मुझको 

सदा सदा हम साथ चलेंगे

 बेटी होकर बेटी की हम न दुश्मन बनेंगे 

ध्यान रखेंगे एक दूजे का 

नहीं किसी का अपमान करेंगे 


7. Poem on daughter - 



बेटी की जिंदगी इतनी मुश्किल क्यों है

हर पल टोका टोकी क्यों है

वह खुले आसमान के नीचे जीना चाहती है

फिर इतनी बंदिशें क्यों

बस यही कि वो लड़की है

क्या वो मुश्किलों से नहीं लडती है

अच्छे अच्छों को धूल चटा देगी

फिर उसकी जिन्दगी अधूरी क्यों

पता नहीं है उसकी ताकत का 

उसका मन भी है फौलाद का

आज निर्बल नही सबल है वो

फिर वह किसी से कम है क्यों 


8. hindi poem on daughters - 


वह नन्ही सी परी जिन्दगी में जब आई

मेरे जीवन में बेशुमार खुशियां छाई

हर पल उसे निहारती हूं

वह है मेरी ही परछाई

प्रेम की वो मूरत है

प्यार का वो सागर है

मेरे खाली मन की

भर दी उसने गागर है

छलक जाती है गागर कभी

प्यार उसका न कम होता कभी

मेरे सूने आँगन में आज वही तो सावन है


9. Beti par Kavita - 


माँ सदा तू साथ रहना

कभी ना खुद से दूर करना

समय बहुत बुरा है माँ

अपना आशीष बनाए रखना

खो न जाऊँ दुनिया की भीड़ में

ज़रा अपना पल्लू दे देना

कभी ना छूटे साथ तेरा

सदा अपने करीब रखना

धूप में बारिश में

सदा आँचल की छांव देना

डरुं अगर कभी मैं मां

तो सीने से लगा लेना


10. Beti par Kavita -


बेटी की जिंदगी इतनी मुश्किल क्यों है

हर पल टोका टोकी क्यों है

वह खुले आसमान के नीचे जीना चाहती है

फिर इतनी बंदिशें क्यों

बस यही कि वो लड़की है

क्या वो मुश्किलों से नहीं लडती है

अच्छे अच्छों को धूल चटा देगी

फिर उसकी जिन्दगी अधूरी क्यों

पता नहीं है उसकी ताकत का 

उसका मन भी है फौलाद का

आज निर्बल नही सबल है वो

फिर वह किसी से कम है क्यों 


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